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विवरण
- ४४कुल स्मारक
- टिकट स्मारक
- नि: शुल्क स्मारक
नवनिर्मित राज्य छत्तीसगढ़ में सभी प्रकार की पुरातात्विक गतिविधियों और शोधों को नियमित करने के लिये महानिदेशालय ने रायपुर में एक अलग कार्यालय बनाने का विचार किया। इसको अप्रैल में 2003 में मूर्तरूप दिया गया एवं इस नये कार्यालय को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित मन्दिर, गुफायें, किले, मेगालिथ एवं उत्खनित स्थलों के देखभाल का जिम्मा सौंपा गया। आज रायपुर मण्डल सांस्कृतिक सुरक्षा एवं संरक्षण सहित सभी प्रकार के पुरातात्विक शोधों के लिए, केन्द्र सरकार का अग्रणी मण्डल है।
यह कहने की जरूरत नहीं कि वे गौरवशाली अतीत के मूक दर्शक है, जो समय के दौरान जीवित रहते है। इस मण्डल के गठन से पहले, छत्तीसगढ़ क्षेत्र के स्मारक समय समय पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विभिन्न कार्यालयों के अधिकार क्षेत्र में थे। जैसे पहले दक्षिणी मण्डल के तहत क्रमशः हैदराबाद सर्कल, भोपाल सर्कल और भुवनेश्वर मण्डल के अधीन।
प्राचीन स्मारकों, पुरातात्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्व के अवशेषोंं का रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का प्रमुख कार्य है। यह देश में सभी पुरातात्विक गतिविधियों को विभिन्न कानूनों एवं नियमों जैसे प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थलों और अवशेष अधिनियम 1958 और नियम 1959, प्राचीन वस्तुओं और कला खजाना अधिनियम 1972, और अन्य भारतीय संविधान में वर्णित धराओं के माध्यम से नियंत्रित करता है।