Siva Temple Bhopal Circle
  • विवरण

  • २९०कुल स्मारक
  • टिकट स्मारक
  • नि: शुल्क स्मारक

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का भोपाल मण्डल 1953 में अस्तित्व में आया। इसके पहले इस मण्डल को मध्य सर्कल के रूप में जाना जाता था। उस समय इस मण्डल का क्षेत्राधिकार पूर्व में मण्डला जिले से पश्चिम में झाबुआ जिले तक उत्तर में भिंड जिले से दक्षिण में राजस्थान तक था। बाद में 1976 में मण्डल कार्यालय को पुर्नगठित किया गया। जिसमें मध्य प्रदेश को लिया गया परंतु राजस्थान एवं महाराष्ट्र के क्षेत्रों को छोड दिया गया। इस मण्डल को 1985 तक मध्य मण्डल के रूप में जाना जाता था। 1985 में पुर्नगठन के बाद इसे भोपाल मण्डल का नाम दिया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ का क्षेत्र शामिल नहीं किया गया जो अब एक अलग राज्य है। भोपाल मण्डल का अधिकार क्षेत्र मध्य प्रदेश की राजनीतिक सीमायें है।

वर्तमान में भोपाल मण्डल केन्द्रीय संरक्षित स्मारकों के संरक्षण के कार्यो का प्रबंधन करता है। इसके अलावा इस मण्डल द्वारा अन्वेषण, उत्खनन, वैज्ञानिक उत्खनन और दस्तावेजीकरण का कार्य भी किया जा रहा है। भोपाल मण्डल के अंतर्गत केंद्रीय संरक्षित स्मारक जैसे साॅंची के बौद्ध स्मारक, प्रागैतिहासिक शैलाश्रय भीमबैठका (जिला- रायसेन) एवं स्मारक समूह खजुराहो (जिला- छतरपुर) को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में कार्य की सुगमता के लिए क्षेत्रों को पाॅंच भागो में विभाजित किया है। जो उत्तर क्षेत्र, दक्षिण क्षेत्र, पूर्व क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र और मध्य क्षेत्र है। भोपाल मण्डल मध्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है। मध्य क्षेत्र का मुख्यालय भोपाल में स्थित है।