Rumi Gate Lucknow
  • विवरण

  • ३२८कुल स्मारक
  • टिकट स्मारक
  • नि: शुल्क स्मारक

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के लखनऊ मण्डल को 13 मई 1985 को आगरा मण्डल, भोपाल मण्डल, पटना मण्डल के हिस्सों को विभाजित करके बनाया गया है। आज लखनऊ मण्डल के अधिकार के क्षेत्र में 359 स्मारक स्थल है जिसमें 168 स्मारक/स्थल बुंदेलखण्ड क्षेत्र में, 20 स्मारक/स्थल तराई क्षेत्र में, 171 स्मारक/स्थल अवध क्षेत्र में है, जिसकी देखभाल लखनऊ मण्डल के अधीक्षण पुरातत्वविद् द्वारा की जा रही है।

विध्यांचल पर्वतमाला के मध्य स्थित बुंदेलखंड क्षेत्र अपनी विशिष्ट संस्कृति के साथ एक अद्वितीय भौगोलिक ईकाई है। बुंदेलखण्ड क्षेत्र के स्मारकों में मुख्यतः छठीं एवं सातवीं शताब्दी के मध्य बने मन्दिर एवं किले है। देवगढ़ स्थित दशावतार मन्दिर गुप्तकाल का एक बेहतरीन उदाहरण है।

तराई क्षेत्रों में वह स्थान जो स्वयं बुद्ध से अथवा उनसे संबंधित है वहाॅ पर निर्माण संबंधी गतिविधियाॅं मुख्यतः बौद्ध धर्म से संबंधित है। उत्खनन से श्रावस्ती और पिपरावा यानी कपिलवस्तु में कई प्राचीन बौद्ध स्थलों का खुलासा हुआ। अवध क्षेत्र में लखनऊ अवध स्थापत्य का सबसे अच्छा उदाहरण दर्शाता है। हालांकि शुरूआत में फैजाबाद से ही स्थापत्य की शुरूआत हुई। इसके अलावा इलाहाबाद और आगरा मार्ग पर मुगलकालीन कई स्मारक पाए जाते है। इस मण्डल में कई मन्दिर ईंटों से बने है जिसमें गुप्तकालीन भितरगांव का दशावतार मन्दिर प्रसिद्ध है, जो भारतीय मन्दिर वास्तुकला का प्रमुख उदाहरण है।